30 वर्षों बाद भारत से घाना की ऐतिहासिक यात्रा पर पीएम मोदी: जानें इस दौरे की खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 और 3 जुलाई को घाना के दौरे पर जा रहे हैं। यह यात्रा इसलिए ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि पिछले 30 सालों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली घाना यात्रा है। इसके साथ ही पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का भी दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने सोमवार को यह जानकारी दी।
घाना में नए राष्ट्रपति के साथ रिश्तों की नई शुरुआत
घाना के हाल ही में चुने गए राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने शानदार जीत के बाद पदभार संभाला है। भारत और घाना के संबंध ऐतिहासिक रहे हैं और इस यात्रा से इन रिश्तों को और गहराई मिलने की उम्मीद है। घाना के साथ बहुआयामी सहयोग के साथ-साथ आर्थिक एजेंडा पर खास जोर दिया जाएगा।
📈 3 बिलियन डॉलर के व्यापारिक रिश्ते को नई दिशा
भारत और घाना के बीच फिलहाल करीब 3 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिसमें प्रमुख रूप से सोने का आयात शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान इन व्यापारिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।
इस दौरान कई अहम क्षेत्रों पर सहयोग बढ़ाने की योजना है, जिनमें शामिल हैं:
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कृषि क्षेत्र में सहयोग
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पश्चिम अफ्रीका में वैक्सीन विकास केंद्र की स्थापना
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डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे
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रक्षा सहयोग और रणनीतिक खनिज
साथ ही, कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर भी हस्ताक्षर होने की संभावना है।
🤝 1957 से चले आ रहे हैं भारत-घाना के गहरे संबंध
घाना ने 1957 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी और उसी वर्ष भारत और घाना के बीच राजनयिक संबंधों की नींव रखी गई थी।
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दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) और राष्ट्रमंडल जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोगी रहे हैं।
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भारत ने घाना के स्वतंत्रता संघर्ष का समर्थन किया था।
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पंडित जवाहरलाल नेहरू की पंचशील नीति ने दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग का आधार तैयार किया।