ट्रंप का ड्रग प्राइस ऑर्डर: सन फार्मा पर सबसे बड़ा असर, फार्मा सेक्टर में बढ़ी अनिश्चितता

Rajiv

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए ड्रग प्राइसिंग ऑर्डर ने फार्मा सेक्टर में भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है। जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के मुताबिक, सन फार्मा पर इसका सबसे बड़ा असर पड़ सकता है क्योंकि उसकी अमेरिका में स्पेशलिटी ड्रग्स की बड़ी हिस्सेदारी है। वहीं जेनेरिक दवाओं पर इसका मिला-जुला असर देखा जा सकता है।

क्या है ट्रंप का ड्रग प्राइस ऑर्डर?

12 मई को राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिकी दवा कंपनियों को अपने दवाओं की कीमतें विकासशील देशों के बराबर लाने का निर्देश दिया गया है। वर्तमान में अमेरिका में दवाओं की कीमतें कई गुना अधिक होती हैं — कभी-कभी 2 से 5 गुना तक — क्योंकि वहां सरकार दवा कीमतों पर मोलभाव नहीं करती।

नोमुरा की चेतावनी: फार्मा सेक्टर पर नकारात्मक असर

नोमुरा का मानना है कि इस आदेश का विशेष रूप से स्पेशलिटी और ब्रांडेड दवाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जबकि जेनेरिक दवाओं के लिए यह मिश्रित असर ला सकता है। फर्म ने कहा, “अगर यह आदेश लागू होता है, तो इससे कंपनियों की आय और मुनाफे पर गंभीर असर पड़ सकता है।”

सन फार्मा पर क्यों सबसे बड़ा खतरा?

नोमुरा ने खासतौर पर सन फार्मा को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सन फार्मा की अमेरिकी स्पेशलिटी सेल्स FY25 में करीब $1.03 बिलियन होने का अनुमान है। इनमें से सबसे बड़ा उत्पाद Ilumya है, जिसकी अनुमानित बिक्री $570 मिलियन है और यह मुख्य रूप से Medicare Part B के तहत आता है।

Ilumya की अमेरिका में कीमत अन्य विकसित देशों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है, जिससे यह ट्रंप के प्राइस अलाइनमेंट आदेश के तहत सीधे प्रभाव में आ सकता है।

क्यों चिंताजनक है यह बदलाव?

नोमुरा का कहना है कि यह मूल्य निर्धारण आदेश मुख्य रूप से अमेरिका की सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं — Medicare और Medicaid — पर लागू होगा। ये योजनाएं बुजुर्गों, विकलांगों और कमजोर वर्गों के लिए होती हैं और 30-40% फार्मास्युटिकल प्रिस्क्रिप्शन इन्हीं के तहत आती हैं।

जेनेरिक दवाओं पर मिला-जुला असर

जेनेरिक दवाओं के बाजार पर असर थोड़ा जटिल है। नोमुरा का कहना है कि “कम कीमतें जेनेरिक और बायोसिमिलर दवाओं के लिए बाजार को सीमित कर सकती हैं,” खासकर उन मामलों में जहां प्रतिस्पर्धा कम है या उत्पाद कॉम्प्लेक्स हैं।

हालांकि, कॉमोडिटी जेनेरिक दवाएं — जहां पहले से कई खिलाड़ी मौजूद हैं — पर असर कम होगा, क्योंकि उनकी कीमतें पहले से ही प्रतिस्पर्धा के चलते काफी कम हैं।

एक संभावित सकारात्मक पहलू भी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर सरकार सप्लाई चेन में बिचौलियों की भूमिका कम करने के लिए कदम उठाती है, तो इससे बायोसिमिलर दवाओं की बेहतर कीमत वसूली और तेजी से बाजार में पहुंच संभव हो सकती है।

ट्रंप के आदेश के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • आदेश के तहत 30 दिनों में दवा कंपनियों को लक्षित मूल्य (Target Prices) बताने की तैयारी है।
  • यदि कंपनियां पालन नहीं करतीं, तो सरकार दवा आयात को आसान बना सकती है और निर्यात पर रोक लगा सकती है।
  • डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर सेल्स को भी अनुमति दी जा सकती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी।

क्या यह आदेश लागू हो पाएगा?

हालांकि ट्रंप का यह आदेश आक्रामक नीति संकेत देता है, नोमुरा को इसकी व्यवहारिकता पर संदेह है। साल 2020 में भी ट्रंप प्रशासन ने इसी तरह का आदेश लाने की कोशिश की थी, जिसे अमेरिकी अदालतों ने खारिज कर दिया था।

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