ट्रंप का टैरिफ दबाव: रूस से तेल खरीद बंद होने पर भारत पर क्या पड़ेगा असर

रूस से तेल खरीद पर ट्रंप का दबाव: अगर भारत ने आयात रोका तो क्या होगा आर्थिक और कूटनीतिक असर?

 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर सहमति नहीं बनने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर पुतिन को यूक्रेन युद्ध में मदद कर रहा है। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा, जिससे अमेरिकी बाजार में जाने वाले भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे।

ट्रंप ने चेतावनी दी है कि भारत पर आगे और भी पाबंदियां लग सकती हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है—अगर टैरिफ के दबाव में भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है तो क्या होगा?

भारत का रूसी तेल पर निर्भरता

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के मुताबिक, जून 2025 तक भारत रूस से तेल खरीदने में 38% हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर है। चीन 47% के साथ पहले नंबर पर और तुर्किये 6% के साथ तीसरे स्थान पर है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है और अपनी 85% तेल की जरूरत आयात से पूरी करता है।

रणनीति में बदलाव

रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत मिडिल ईस्ट से तेल खरीदता था और 2018 में रूस से तेल का हिस्सा सिर्फ 1.3% था। 2022 में पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए तो रूस ने रियायती दर पर तेल बेचना शुरू किया, जिससे भारत का आयात कई गुना बढ़ गया। 2024-25 में यह हिस्सेदारी 35% से ऊपर पहुंच गई।

ICRA के अनुसार, रियायती तेल से भारत ने 2022-23 में 5.1 अरब डॉलर और 2023-24 में 8.2 अरब डॉलर की बचत की।

अगर रूस से तेल आयात रुका तो प्रभाव

  1. महंगाई और ऊर्जा लागत में वृद्धि – मिडिल ईस्ट या अफ्रीका से महंगा तेल खरीदना पड़ेगा, जिससे पेट्रोल-डीजल, ट्रांसपोर्ट और खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे।

  2. व्यापार घाटा और मुद्रा पर दबाव – महंगे तेल से आयात बिल बढ़ेगा, रुपया कमजोर होगा और विदेशी मुद्रा भंडार घट सकता है।

  3. रिफाइनरी संचालन पर असर – भारतीय रिफाइनरियां रूसी ग्रेड तेल के मुताबिक एडजस्ट हो चुकी हैं, बदलाव से लागत बढ़ेगी और मुनाफा घटेगा।

  4. कूटनीतिक स्थिति कमजोर – रूस से तेल खरीदना भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का प्रतीक है। आयात बंद करने से यह संदेश जा सकता है कि भारत दबाव में झुक गया।

  5. ऊर्जा सुरक्षा में गिरावट – मिडिल ईस्ट पर निर्भरता फिर से बढ़ जाएगी, जिससे आपूर्ति संकट का जोखिम बढ़ेगा।

अमेरिका पर भी असर

इंडिपेंडेंट एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यूट के चेयरमैन नरेंद्र तनेजा के अनुसार, भारत का रूस से तेल खरीद बंद करना ग्लोबल सप्लाई सिस्टम में झटका होगा और तेल की कीमतें अचानक बढ़ सकती हैं—जिसका असर अमेरिका समेत दुनिया के सभी देशों पर पड़ेगा।

भारत का रुख

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के टैरिफ फैसले को “गैर-जरूरी, अनुचित और अन्यायपूर्ण” करार दिया। मंत्रालय ने साफ कहा कि रूस से तेल खरीदना भारत की 1.4 अरब आबादी की ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक है और यह बाजार कारकों पर आधारित है।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version