यमन में फांसी के करीब भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, सवाल बना– कैसे दी जाएगी मौत की सजा?
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो केरल की रहने वाली हैं, 16 जुलाई 2025 को यमन में मौत की सजा का सामना कर सकती हैं। उन पर एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। यह मामला सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना, कूटनीतिक प्रयास और मौत की सजा की क्रूरता से जुड़ा है।
भारत सरकार इस सजा को रोकने के लिए अंतिम क्षण तक कोशिशों में जुटी है। 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई होगी, जिसमें उनकी सजा को टालने या रुकवाने की मांग की गई है।
कैसे दी जाती है यमन में मौत की सजा?
यमन में मौत की सजा बेहद कठोर और पुरानी परंपराओं से जुड़ी होती है। हालांकि अब वहां सिर्फ गोली मारकर सजा दी जाती है, लेकिन अतीत में पत्थर मारकर हत्या, सिर कलम करना, और सरेआम फांसी जैसी सजाएं भी दी जाती थीं।
गोली से सजा देने की प्रक्रिया:
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दोषी के शरीर को कंबल में लपेटा जाता है।
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एक डॉक्टर दोषी की पीठ पर दिल की जगह चिह्नित करता है।
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फिर जल्लाद ऑटोमेटिक राइफल से कई राउंड फायर करता है, ताकि गोली रीढ़ भेदते हुए सीधे दिल को चीर दे।
यमन की ‘मौत की सजा’ नियमावली के प्रमुख प्रावधान:
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आर्टिकल 477: दोषी को सजा तक हर समय पुलिस निगरानी में रखा जाएगा।
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आर्टिकल 478: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा मिलने पर विवरण राष्ट्रपति को भेजा जाता है।
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आर्टिकल 479: राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही सजा दी जा सकती है।
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आर्टिकल 484: गर्भवती महिला को जन्म के दो साल बाद तक सजा नहीं दी जा सकती।
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आर्टिकल 485: सजा का तरीका – गोली मारना।
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आर्टिकल 487: अगर पत्थर मारने की सजा दी जाती है, तो तब तक मारा जाता है जब तक दोषी मर न जाए।
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आर्टिकल 488: शव की अंत्येष्टि का खर्च सरकार उठाती है यदि परिजन न हों।
निमिषा प्रिया की कहानी: कैसे पहुंचीं मौत की दहलीज़ पर?
सपने से संघर्ष तक की यात्रा:
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2018 में 18 साल की उम्र में निमिषा ने नर्सिंग कोर्स पूरा किया।
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केरल में नौकरी नहीं मिली, तो यमन में सरकारी अस्पताल में नौकरी मिल गई।
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वहीं एक ऑटो ड्राइवर टॉमी थॉमस से शादी की और 2012 में एक बेटी को जन्म दिया।
क्लिनिक खोलने का सपना और गलत पार्टनर:
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यमन में विदेशी को व्यापार के लिए यमनी पार्टनर की जरूरत होती है।
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तलाल अब्दो महदी नाम के शख्स के साथ साझेदारी में क्लिनिक खोली।
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महदी ने क्लिनिक पर कब्जा कर लिया और निमिषा की शादी की झूठी तस्वीरें फैलाकर उसे ब्लैकमेल करने लगा।
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निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया और उसे प्रताड़ित करने लगा।
ड्रग्स, मौत और गिरफ्तारी:
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जेल की एक वार्डन की सलाह पर निमिषा ने महदी को नींद की गोली दी ताकि वह पासपोर्ट लेकर भारत लौट सके।
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दूसरी बार की ज्यादा डोज से महदी की मौत हो गई।
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शव के टुकड़े करके टैंक में डालकर वह फरार हो गई।
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एक महीने बाद यमन-सऊदी सीमा पर पकड़ी गई।
2024 में सुनाई गई मौत की सजा:
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2024 में यमन की अदालत ने निमिषा को फांसी की सजा सुनाई।
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अब तक भारत सरकार और कई संगठनों ने अपीलें और प्रयास किए, लेकिन 16 जुलाई 2025 को उन्हें सजा दिए जाने की पूरी आशंका है।
भारत की कोशिशें
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भारत ने यमन के अधिकारियों से कूटनीतिक स्तर पर बात की है।
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सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई होनी है, जिसमें सजा पर अस्थायी रोक की मांग की गई है।